न रहने का ठिकाना है नित कमाना खाना है न रहने का ठिकाना है नित कमाना खाना है
इतना वज़न लेकर हर फाइल दूसरी फाइल के नीचे दबी रहती है , इतना वज़न लेकर हर फाइल दूसरी फाइल के नीचे दबी रहती है ,
हम तो भूखे हैं भोजन की तलाश और चाहते हैं क्या….? हमको खाना और कमाना है. हम तो भूखे हैं भोजन की तलाश और चाहते हैं क्या….? हमको खाना और कमाना है.
रोजी-रोटी के लिए अब गैर मुल्क नहीं जाना है रोजी-रोटी के लिए अब गैर मुल्क नहीं जाना है
इस कलयुगी संसार में, सब जलते हैं दूसरों के सुखों पर इस कलयुगी संसार में, सब जलते हैं दूसरों के सुखों पर