क्योंकि तुम उसके भी हकदार नहीं हो क्योंकि तुम उसके भी हकदार नहीं हो
मिटे नहीं कलंक तब तक, कलंक दिवस हम मनाएंगे लिए शरण जहा भारत पंडित ढूंढ उन्हें हम लाएँगे। मिटे नहीं कलंक तब तक, कलंक दिवस हम मनाएंगे लिए शरण जहा भारत पंडित ढूंढ उन्हें ...
वह हीरा जिसकी चमक से, दुनिया चकाचौंध है... वह हीरा जिसकी चमक से, दुनिया चकाचौंध है...
किसने शुरुआत की अंत क्या होनेवाला है ? देखो हर एक गुंज क्यूं खामोश सी हो गई है ? किसने शुरुआत की अंत क्या होनेवाला है ? देखो हर एक गुंज क्यूं खामोश सी ह...
ज़हन भी अब सहम गया मेरा अब कभी न वो ख़ौफ दूँ जाता है। ज़हन भी अब सहम गया मेरा अब कभी न वो ख़ौफ दूँ जाता है।
युग युग तक कलंक यश गाथा को पहुंचाने वाली है।। युग युग तक कलंक यश गाथा को पहुंचाने वाली है।।