कोटि-कोटि वर्षों से यूँ ही कुम्भकार का चाक घूमता। कोटि-कोटि वर्षों से यूँ ही कुम्भकार का चाक घूमता।
शत शत नमन गुरु को, गुरु होते हैं तारणहार। शत शत नमन गुरु को, गुरु होते हैं तारणहार।