अब जहाँ में तू क्यों शरमाए नारी शक्ति तू क्यों घबराए। अब जहाँ में तू क्यों शरमाए नारी शक्ति तू क्यों घबराए।
चलो अब प्यार खोजते हैं इस दफा इंसान खोजते हैं बस्तियां फैली हैं हर जगह आदम की पहचान खोजते हैं चलो अब प्यार खोजते हैं इस दफा इंसान खोजते हैं बस्तियां फैली हैं हर जगह आदम ...
मैंने सोचा कदाचित यही भाग्यवश है जो लिखा होता है, वही प्राप्त होता है, मैंने सोचा कदाचित यही भाग्यवश है जो लिखा होता है, वही प्राप्त होता है,