शायद कल हम दुनिया को गुलाम कर बैठे। शायद कल हम दुनिया को गुलाम कर बैठे।
सूरज तू कितना भी इतराये तुझे तो रोज ढलना ही है। सूरज तू कितना भी इतराये तुझे तो रोज ढलना ही है।
जब याद उसकी आती है तो...अकेले में रोता हूँ अक्सर ! दिन रात सपने उसके...उसे मिलें भी तो कैसे जब याद उसकी आती है तो...अकेले में रोता हूँ अक्सर ! दिन रात सपने उसके...उसे मिलें...
नहीं है चाहत हमे धन दौलत की, ना हमे तिजोरी भरना है क्या होगा धन जुटा के जब खाली हाथ ही हमे मरना है नहीं है चाहत हमे धन दौलत की, ना हमे तिजोरी भरना है क्या होगा धन जुटा के जब खाली ...
शोला भड़के न ऐसी हवा दीजिए तेरी चाहत में गुज़री है जिनकी उम्र, उन बुज़ुर्गों के हित कुछ दुआ कीजिए हो ... शोला भड़के न ऐसी हवा दीजिए तेरी चाहत में गुज़री है जिनकी उम्र, उन बुज़ुर्गों के ह...
इन्सान हूँ मैं भी अपने काम की पहचान चाहता हूँ खुद से इश्क करता हूँ मैं भी एक मुकाम चाहता हूँ इन्सान हूँ मैं भी अपने काम की पहचान चाहता हूँ खुद से इश्क करता हूँ मैं भी एक म...