कुछ अल्फ़ाज़ कह जाते हैं, कुछ अल्फ़ाज़ बह जाते हैं। कुछ अल्फ़ाज़ कह जाते हैं, कुछ अल्फ़ाज़ बह जाते हैं।
और जब हम थक जाते हैं दुहरा -दुहराकर , फिर उसे ही पचासों बार हमसे लिखवाते हैं। और जब हम थक जाते हैं दुहरा -दुहराकर , फिर उसे ही पचासों बार हमसे लिखवाते हैं।
बच्चे देर से घर लौटें तो पहरेदार बन जाते हैं ये बूढ़े एक उम्र के बाद जाने क्यों सठक जात बच्चे देर से घर लौटें तो पहरेदार बन जाते हैं ये बूढ़े एक उम्र के बाद जाने क्यो...
दीपावली दीपों का त्यौहार, बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार, लेकिन जब हम छोटे थे तो दीपावली दीपों का त्यौहार, बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार, लेकिन जब हम छ...
यज्ञ में प्रसाद स्वरूप सोमरस का सेवन लाजि़मी है । अगर ऐसा नहीं हुआ तो इंद्र महाराज आंनद यज्ञ में प्रसाद स्वरूप सोमरस का सेवन लाजि़मी है । अगर ऐसा नहीं हुआ तो इंद्र महार...
आज आँखों के सामने मंज़र वही दोहरा गया, जब मित्र की माँ के अंतिम दर्शन का अवसर मिला। आज आँखों के सामने मंज़र वही दोहरा गया, जब मित्र की माँ के अंतिम दर्शन का अवसर ...