मिट्टी की महक और झाड़ियाँ लहराई, मारवाड़ की धरती में सुहानी ठंडी है छाई । मिट्टी की महक और झाड़ियाँ लहराई, मारवाड़ की धरती में सुहानी ठंडी है छाई ।
कहता है बार बार क्या यही होता है प्यार। कहता है बार बार क्या यही होता है प्यार।
खूबियां तेरी, मोल तेरा अब समझ पाई हूं मैं, सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं। खूबियां तेरी, मोल तेरा अब समझ पाई हूं मैं, सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं।
प्रकृति की नैसर्गिक क्रियाएँ भी बदल जाती है आकर के पास मेरे ! प्रकृति की नैसर्गिक क्रियाएँ भी बदल जाती है आकर के पास मेरे !
कुछ फीकी सी है मेरी ये जिंदगी ! कुछ चाय सी है मेरी ये जिंदगी। कुछ फीकी सी है मेरी ये जिंदगी ! कुछ चाय सी है मेरी ये जिंदगी।
पर जो खुशियाँ माँ ने दी, भला वो क्या बाजारों में बिकताी हैं ? पर जो खुशियाँ माँ ने दी, भला वो क्या बाजारों में बिकताी हैं ?