स्थिरता खो कर विक्षिप्ता पा गए। स्थिरता खो कर विक्षिप्ता पा गए।
क्या अब भी नहीं आया कलयुग का अंत ? क्या अब भी नहीं आया कलयुग का अंत ?
है उठी समस्या फिर ज्वलंत है उठी समस्या फिर ज्वलंत
बढा़ दिया उम्मीद और विश्वास का दायरा दे दिया है खुली आँखों से स्वप्न संजोने का मन बढा़ दिया उम्मीद और विश्वास का दायरा दे दिया है खुली आँखों से स्वप्न ...
नवयुग ने नई हिम्मत दी है इंसान को, कोटि कोटि नमन है, ज्ञान विज्ञान को। नवयुग ने नई हिम्मत दी है इंसान को, कोटि कोटि नमन है, ज्ञान विज्ञान को।
पर्व आजा़दी का अमृतोत्सव झूमे ख़ेतो मे हरियाली। पर्व आजा़दी का अमृतोत्सव झूमे ख़ेतो मे हरियाली।