जिसका ऐसा दृढ़ संकल्प हो, वही वीर कहलायेगा। जिसका ऐसा दृढ़ संकल्प हो, वही वीर कहलायेगा।
मैं श्वेत पत्र पर चलती काली स्याह हूँ मैं जिव्हा से निकलती तेरी चीखती पुकार हूँ मैं र मैं श्वेत पत्र पर चलती काली स्याह हूँ मैं जिव्हा से निकलती तेरी चीखती पुकार ह...
तुम्हें बस यह गांडीव उठाना है और लक्ष्य साधना है...। तुम्हें बस यह गांडीव उठाना है और लक्ष्य साधना है...।
खिल उठे भारत का भविष्य एक नई सुबह का आगाज हो। खिल उठे भारत का भविष्य एक नई सुबह का आगाज हो।
मौत तक मौत से मिलाने के लिए ले जाती है ! मौत तक मौत से मिलाने के लिए ले जाती है !
मात - पिता से घर - परिवार वे देते संस्कार का आधार। मात - पिता से घर - परिवार वे देते संस्कार का आधार।