मौसमों मुझको नाम दो बरसात जो क़तरा ऐ वफ़ा को तकता है मौसमों मुझको नाम दो बरसात जो क़तरा ऐ वफ़ा को तकता है
अलामत और भी होंगी फरमाने इलाही की वजह कुछ और है मेरी, सबब कुछ और है मेरा अलामत और भी होंगी फरमाने इलाही की वजह कुछ और है मेरी, सबब कुछ और है मेरा