वह स्वर्णदेश मेरा है, वह भारतदेश मेरा है। वह स्वर्णदेश मेरा है, वह भारतदेश मेरा है।
आम औरतों की तरह, खुद को संवारना नहीं जानती थी। आम औरतों की तरह, खुद को संवारना नहीं जानती थी।
कोई उतर आया रवि की किरणों पर चलकर और दी उसने बिखेर अपने प्यार की आभा मेरे तन-मन पर . कोई उतर आया रवि की किरणों पर चलकर और दी उसने बिखेर अपने प्यार की आभा मे...
युग पुरुष के आगमन का शंख बजाया तुमने।।। श्री शिवनारायण जौहरी विमल यशोदा के लाल श्रीकृष्ण। युग पुरुष के आगमन का शंख बजाया तुमने।।। श्री शिवनारायण जौहरी विमल यशोदा के ला...
क्या गदा कौमोदकी कर में सुशोभित ही रहेगी? या किसी व्यभिचार के विपरीतता में भी उठेगी? अब तुम्हारा र... क्या गदा कौमोदकी कर में सुशोभित ही रहेगी? या किसी व्यभिचार के विपरीतता में भी उ...
तू साक्षात बिराजमान था तब भी, एक दुशासन पड़ रहा था भारी। तू साक्षात बिराजमान था तब भी, एक दुशासन पड़ रहा था भारी।