वह व्यथा वह व्यथा
दूर दूर तक बिखरा आसमाँ, कौनसा तारा देखूँ मैं। जीवन का हर पल है एक चुनौती, इसे कैसे समझाऊँ मैं। दूर दूर तक बिखरा आसमाँ, कौनसा तारा देखूँ मैं। जीवन का हर पल है एक चुनौती, इसे...
मिलूँ वहाँ मैं जहाँ मिलन हो धरती और गगन में। मिलूँ वहाँ मैं जहाँ मिलन हो धरती और गगन में।
इतिहास के पन्ने पलटती है जब कलम कार की कलम बोलती है। इतिहास के पन्ने पलटती है जब कलम कार की कलम बोलती है।
नादान सबका बोझ उठाता है ऐसे, सबसे जिम्मेदार सदस्य कुटुम्ब का हो जैसे। नादान सबका बोझ उठाता है ऐसे, सबसे जिम्मेदार सदस्य कुटुम्ब का हो जैसे।
बहुत चाहा लिखूँ सब की व्यथाएँ कोरे कागज पर मिली फुर्सत कहाँ मुझको कभी अपनी कहानी से बहुत चाहा लिखूँ सब की व्यथाएँ कोरे कागज पर मिली फुर्सत कहाँ मुझको कभी अपनी कहान...