मुझ दिमाग को ठिकाना, होना चाहिये। मुझ दिमाग को ठिकाना, होना चाहिये।
बिन तेरे जहाँ ये सुना, बिन तेरे क्या है जीना। बिन तेरे जहाँ ये सुना, बिन तेरे क्या है जीना।
सच बोलूं? ध्यान तुम्हारा कहीं और ही था, सच बोलूं? ध्यान तुम्हारा कहीं और ही था,
सुन सखी री-- साँसो में संगीत होता है धक-धक मीत होता है। सुन सखी री-- साँसो में संगीत होता है धक-धक मीत होता है।
तुझे हराकर जल्दी ही जीत का तिरंगा लहरायेंगे। तुझे हराकर जल्दी ही जीत का तिरंगा लहरायेंगे।
धीरे-धीरे प्यार करते जाना हमने तुम को, तुम भी आहिस्ता आहिस्ता मिलो हम को। धीरे-धीरे प्यार करते जाना हमने तुम को, तुम भी आहिस्ता आहिस्ता मिलो हम को।