जब किसी रास्ते से आप परिचित ना हों तो उसपर चलने की कोशिश कभी ना करें। जब किसी रास्ते से आप परिचित ना हों तो उसपर चलने की कोशिश कभी ना करें।
लेखक: मिखाइल बुल्गाकव अनुवाद: आ.चारुमति रामदास लेखक: मिखाइल बुल्गाकव अनुवाद: आ.चारुमति रामदास