puja babaria

Comedy

3.0  

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छुट्टे है क्या...

छुट्टे है क्या...

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 कितनी देर लगेगी, अभी तक आयी नहीं। अब तो पैर दर्द करने लगे है।

आ जाएगी इतनी क्या जल्दी है, अंजना ने कहा। तुम्हें पता नहीं, मेरी घर में क्लास लगेगी कि इतनी  देर कैसे हुई, प्रिया टेंशन में आ के बोली, सब इंतजार कर रहे होंगे।

अच्छा, हमारे तो पड़ोसिया इंतजार करते होंगे।

कैसी बात कर रही, तुम्हें पता है इस मामले में हमारी फॅमिली एक जैसी है 

बात सही है -प्रिया लो आ गयी बस 

पीछे सीट खाली है वहाँ बैठते है -अंजना 

हाँ चलो -प्रिया...कुछ देर बाद

प्रिया देख वो अंकल मुझे कैसे घूर रहे है

कौन से ? वो कार्टून जैसे, जिनके बाल अलग अलग रास्ता बता रहे है और एक दाँत आधा टूटा हुआ है।  

अरे वो तो इधर आ रहे है - प्रिया

हाँ यार,

टिकट ? नहीं हमें मूवी देखने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है - अंजना

सिनेमा कि टिकट नहीं कह रहा बस कि टिकट,

ओह सॉरी , प्रिया तूने टिकट नहीं  ली -अंजना

 मुझे लगा तुमने....

 सॉरी अंकल , कितने रुपये...44 रूपए

 ये लीजिए 45 रूपये - अंजना

 एक रुपया नहीं है, छुट्टे दीजिए

 छुट्टे तो नहीं है - प्रिया

 तो कोई बात नहीं, पांच रुपये ले लेता हूँ।

 एक मिनिट अंकल रुकिए, मैं किसी को पूछती हूँ - अंजना..अंजना खड़े होकर, सुनिए क्या किसी के पास पांच के छुट्टे है, नहीं ..नहीं...

 किसी के पास छूटे नहीं है -अंजना... कोई बात नहीं एक रुपये में आपका क्या जाएगा


क्या बात कर रहे हो अंकल ऐसे थोड़ी चलता है..एक एक पसीने कि बूंद, कड़ी मेहनत से एक एक रुपया बनता है ...  एक एक रूपया जोड़ के हजारों, लाखों, करोडों रूपये बनते है।  अगर इस दुनिया के हर एक के पास एक एक रुपया लिया जाये तो सोचो कितने  रुपये होंगे। और आप कह रहे  हो क्या होगा .. इतना कह के अंजना  बैठ गईं बैकग्राउंड सीटों में तालियाँ बजने लगी।

अच्छा ठीक है, अभी यहाँ दुकान आएगी छुट्टे ले लेना -कंडक्टर

 दुकान दिखे तो वहाँ रुकना ड्राइवर से कहते हुए मैडम जाइए दुकान आ गयी 

 जी धन्यवाद ये कह के अंजना नीचे उतरी ....भैया पांच रुपये के छुट्टे दीजिये

 पांच का तो छुट्टा नहीं है,  दो -दो के सिक्के है। 

 रुपया नहीं है - दुकानदार...ठीक है, तो दो - दो के सिक्के दे दीजिये

 एक रुपया - दुकानदार

 वही तो बोल रही रही हूँ, आगे बोलने तो दो।

एक रुपए कि चॉकलेट दे दीजिये।

 ठीक है

अंजना बस पे चढ़कर चार रुपए कंडक्टर को दिए।

और रुपया छुट्टा नहीं था, प्रिया को कहते हुए इसीलिए ये लो चॉकलेट, सब लोग अंजना को देखने लगे। 

अंजना- इसमें मैं क्या करूँ यहां एक रुपये कि कीमत चॉकलेट थी।


   

    

   

                                           

  

          


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