गुप्त
गुप्त
नीटू दौड़ / दौड़ कर काम कर रही थी। पिछले महीने भर से बाज़ार जा कर हर चीज को पसन्द करना। एक गोरी चिट्टी दुबली लड़की,जो हर परिस्थिति में मुस्कुराती रहती। माँ की दुलारी, बस उसके छोटे बाल रखना माँ को कभी पसन्द नहीं आता। पिता रामस्वरूप की शह पर नीटू ब्योय कट बाल रखी थी। अभी हाईस्कूल पास किया था। बड़ी बहन नीरा की शादी थी, उसी की तैयारी में पूरा परिवार एक टाँग पर दौड़ रहा था। कारण स्पष्ट था, नीरा का ग़ुस्सा, पता नहीं कब, किस बात पर नीरा ग़ुस्सा हो जाए। नीरा ने हिंदी में ( एम ए ) किया था, सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती है !
नीटू ! मेरी सहेली शिल्पा आ रही है शाम को। उसका ख़ास ख़्याल रखना, मेरी इकलौती पक्की सहेली है।नीरा ने कोल्ड ड्रिंक की ख़ाली बोतल रखते हुए हिदायत दी। और सुन ! वो मेरे साथ ही रहेगी मेरे कमरे में।
जी दीदी।
शाम की बस से शिल्पा आ गयी।
दीदी नमस्ते।
नमस्ते नीटू, अरे तू तो बड़ी हो गयी और सुन्दर भी।
दीदी आप नीरा दी के कमरे में चली चलिए। आप को बहुत याद कर रही है।
ठीक है, “यह मेरा छोटा भाई राजीव है ”शिल्पा दीदी ने बताया।
नीटू ने राजीव को नमस्ते की। नमस्ते राजीव ने जवाब दिया।
राजीव की नीली आँखो में नीटू मानो भटक कर रह गयी। उसने अपने सिर को झटका, आइये दीदी।नीटू रास्ता दिखाती हुई बोली।
अरे नीटू मुझे पता है नीरा का कमरा, मैं चली जाऊँगी, पहले भी आयी हूँ। तुम राजीव को देख लो, पहली बार आया है, जल्दी किसी से घुलता / मिलता भी नहीं।
ओके दीदी। नीटू मुड़ते हुए बोली।
ड्रॉइंगरूम में राजीव अक्वेरीयम की मछली को बड़े ध्यान से देख रहा था। “ आपको मच्छ्लियाँ पसंद है ? ” नीटू ने पीछे से पूछा।
हाँ/ नहीं—— जी राजीव ने हकला कर जवाब दिया।
मतलब ? हाँ या नहीं। नीटू शरारत से मुस्कुराई।
मुझे अच्छी लगती है मछलियाँ। राजीव मुस्कुराया।
उफ़्फ़, कितनी दिलकश मुस्कुराहट है। नीटू जड़वत देखती रह गयी।
कुछ पानी / वानी मिलेगा ? राजीव ने धीरे से सरगोशी की।
हाँ … मिलेगा क्यों नहीं ? कोल्ड ड्रिंक चलेगी ना ? नीटू मुस्कुराई, उसका दिल ना जाने क्यों इतना तेज धड़कने लगा।
माँ यह राजीव हैं, शिल्पा दीदी के भाई। संगीता को आते देख नीटू ने परिचय कराया।
राजीव ने संगीता के पैर छुए।
ख़ुश रहो बेटा, अच्छा किया जो तुम और शिल्पा आ गये। नीरा बहुत याद कर रही थी।
नीटू राजीव को कुछ खिलाया / पिलाया।
मम्मी, अभी तो मछलियाँ दिखाई है, नीटू शरारत से बोली।
चल ले कर आ कुछ नाश्ता। क्या कर रहे हो बेटा ?
जी engineering की तैयारी कर रहा हूँ।
ठीक बेटा तुम बैठो, मैं महाराज से बात कर लूँ।
तो आप engineer बनेगें ? मुझे तो फ़िज़िक्स / मैथ्स दोनो से डर लगता है।
तो आप को engineer अच्छे नहीं लगते ?
कुछ अच्छे भी लगते हैं !
पूरी शादी में नीटू राजीव के आस/ पास मंडराती रही।
दोनो ने खूब बातें की।
यह कैसा रिश्ता है ? नीटू सोच रही थी। कितना अच्छा लगता है राजीव के साथ।
पहली मुलाक़ात में कोई इतना अपना कैसे लग सकता है। नीटू मीठा सा सपना देखने लगी थी।
पर किसी को कैसे बताऊँ ?
राजीव की आँखें कुछ बोलती तो हैं, कुछ प्यारा सा। वो मुझे लाइक करता है / हो सकता है न करता हो ?
नीटू ने गहरी साँस ली “ मैं अपने पहले प्यार को किसी को नहीं बताऊँगी / राजीव को भी नहीं ”।
“ इतनी मीठी मुस्कान ” राजीव ने छेड़ा।
हाँ ! है किसी अपने के लिए।
ओहो, अपने के लिए, कौन है हमें भी बताओ।
नहीं बताती। क्यों बताऊँ। नीटू शरारत से बोली।