Shikha Pari

Children Stories

1.5  

Shikha Pari

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जीजा नहीं भाई

जीजा नहीं भाई

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बांस के बिस्तर पर रोशनी के पार्थिव शरीर को जब लिटाया गया अशोक की हालत रो रो कर बुरी थी। उसने अपनी पत्नी नहीं ,एक सच्चे दोस्त को भी उस दिन खो दिया था उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि एक रात पहले ही वह दोनों एक शादी के जश्न में खुश हो रहे थे और दूसरी रात उसे अपनी पत्नी और अपनी सबसे अच्छी दोस्त रोशनी को खो दिया था रोशनी का अंतिम संस्कार अशोक के हाथों हुआ।

घर में हर तरफ माता में मातम छा गया था ,किसी को कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था ,अशोक का छोटा भाई नरेंद्र छोटी बहन नीना मां बाप सभी का दिल दुख से भरा हुआ था सब के कलेजे फट गए थे।

 कोई किसी से बात नहीं करता था लेकिन सच तो यही था कि होनी को अब सबने स्वीकार कर ली थी।


उधर दूसरी तरफ रोशनी के घर में भी बहुत बुरा हाल था। मां-बाप और छोटी बहन सविता सबका भी रो रो कर बुरा हाल था। सविता की मां को तो जैसे एक बड़ा सदमा घेर चुका था।किसी तरह एक महीना बीत गया।


कुछ दिन बाद 

रोशनी की छोटी बहन राधा बाहर बैठ कर रो रही थी माँ ने उसे अंदर बुलाया ।

"माँ दीदी बहुत याद आती है क्या करूँ?"

"हाँ बिटिया ,बहुत याद आती है क्या किया जाए"


"तू अपनी छोड़ सोच दामाद बाबू का क्या हाल है ,लोग क्या क्या बोल रहे हैं कैसी कैसी बातें बना रहे हैं?हीरे जैसा लड़का और लड़की खा गया "

"क्या मतलब अम्मा ?"

"बिटिया मैं और तेरे पापा सोच रहे हैं अगर तू दामाद जी से शादी कर ले तो कितना अच्छा होगा ?"

"ये क्या बोल रही हो माँ ?"

"अरे सही कह रही हूँ तेरी भी ज़िन्दगी संवर जाएगी और उनकी भी ,तेरी भी तो शादी हमें करनी ही है"

राधा सोचने लगती है "माँ जीजाजी को ये बात तुम्हारी पता है कि नहीं और वो राज़ी हैं ?"

"हो ही जाएंगे कौन सी बड़ी बात है "

"तू हाँ बोलदे बस"

राधा मान गई।

कुछ दिनों के बाद अशोक को रोशनी के घर वालों ने उसे खाने पे बुलाया।खाने की टेबल पर हर तरह की बात हुई फिर राधा के रिश्ते की बात राधा के पिता ने छेड़ी।

"दामाद जी ,रोशनी तो चली गई ,आप हमारे घर के दामाद हैं हमेशा रहेंगे, राधा राज़ी है आप भी हां करदे तो सब ठीक हो जाएगा बेटा "।

अशोक एकबार राधा की तरफ देखता है और पूछता है ।

"राधा क्या उम्र है तुम्हारी ?"

"जी 22 "

"पता है मैं तुमसे पूरे 10 साल बड़ा हूँ, शादीशुदा, बीवी मर गई ,मेरे जैसे आदमी से शादी करके तुम्हें क्या हासिल होगा।तुम्हें मुझसे लाख गुना अच्छा लड़का मिल सकता है ,सिर्फ माँ बाप के कहने पर तुम ऐसे इंसान से शादी के लिए क्यों तैयार हो गई"?

"माफ़ कीजिए पापा ,रोशनी मेरी पत्नी थी और आपलोग मेरे सास ससुर हमेशा रहेंगे यहाँ एक नहीं तो दूसरी लड़की सही यदि कैसे और किसलिए सोचा आपने"

"लड़की को एक रिश्ते में क्यों ठेल रहे आप, सिर्फ इसलिए कि ये समाज क्या कहेगा? ऐसा सोचना भी ग़लत है मेरी नज़र में ,राधा का ब्याह मैं करूँगा अच्छी से अच्छी जगह ,मैं जीजा हूँ उसका ,जीजा भी तो बड़े भाई के बराबर होता है आज से मैं राधा का बड़ा भाई और आपका बेटा जीवन भर के लिए।

राधा के पिता हाथ जोड़कर रोने लगते हैं।



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