GOPAL RAM DANSENA

Abstract

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GOPAL RAM DANSENA

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कहानी कविता की

कहानी कविता की

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 लेखन की दुनिया एक ऐसी दुनिया है जहां आदमी अपनी पहचान के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देता हैI दिन रात एक कर अपने भावों को कागज पर उकेरने का काम कोई खेल नहीं हैI पर हम सब देखते हैं कि जिसका नाम एक बार चल जाए फिर उसका दुकान चल जाएI हर जगह वहीं चीज़ परोसते, देश, विदेश नाम उड़ते जाता है I जिस तरह कोई आँधी, सुनामी मीलों तक अपना प्रभाव कर जाता हैI उसी तरह कोई लेख भी अपना अमिट छाप छोड़ दिया करता है, पर उजाड़ने के लिए नहीं दिलों को बसाने के लिए दिलों में बस जाने के लिए I


तेरे दिल का फ़साना क्या सबको भा जाएगा

रोते हुए चेहरे पर तू क्या मुस्कान ला पाएगा I

शब्दों के समंदर में गोता लगा कर चल रहा

मीलों तक तेरे सामने हिलोरें ही उछल रहा

मापना है समंदर की गोदी क्या तू थाह पाएगा

तेरे दिल का फ़साना क्या सबको भा जाएगा I

थकना न हार के तू दूर तक बसेरा यहाँ कोई नहीं है

ये शब्दों का समंदर है प्यारे तेरा यहां कोई नहीं है I

तो फिर क्या सोचना अपने भाव को लिखते जाइये जब तक जान है I बिना किसी के प्रतिक्रिया के क्योंकि लिखना काम है I पतझड़ में फूल खिलाते जाइये एक दिन ये चमन में बदल जाएगा I जहां आप खुद तो कम से कम गुनगुना पाएंगे I 


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