Phool Singh

Others

4.7  

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प्राण प्रतिष्ठा

प्राण प्रतिष्ठा

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5 शताब्दी बीत गई है 

न्याय की आखिर जीत हुई है 

दीप जलाओ खुशियां मनाओ, प्राण प्रतिष्ठा अब होने चली है।।


मुद्दा; मंदिर-मस्ज़िद ख़त्म हुआ अब

नए भारत की शुरुआत हुई है 

घर-घर जाकर न्यौता दे आओ, लाने; रामलला की तैयारी चली है।।


मुरत; मनमोहक बड़ी सुन्दर-प्यारी

पत्थर काले से सुंदर गढ़ी है 

दशावतार की कथा सुनाती, जिसमें रामलला की उम्र 5 कही है ।।


माताओं की ममता जगाती 

संदेश; वीरता का जो देते बनी है

सत-असत की कथा है गाती , जो श्री राम जी का यशोयान करी है।।


अयोध्या नगरी स्वर्ग सी सुंदर

रंग-बिरंगी जहां लड़ियां लगी है 

सारे नगर में फूलों की माला, सारी अटारी, भवन, गालियां सजी है।।


पूरा हुआ जन्मों का सपना

खुशियां दिलों में दौड़ रही है

भूल धर्म-जात सब एक हुए है, बड़ी घटना अजब ये एक हुई है।।


5 शताब्दी बीत गई है 

न्याय की आखिर जीत हुई है 

दीप जलाओ खुशियां मनाओ, प्राण प्रतिष्ठा अब होने चली है।।


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