पत्थरों में छिपा खजाना
पत्थरों में छिपा खजाना
उदयपुर के पास राजसमंद केलवा उस तरफ के पहाड़ों के अंदर मार्बल का खजाना छिपा हुआ है। उसी खजाने से लगती मैं आपको एक कहानी सुना रही हूं जो एकदम सच्ची है। बहुत पुरानी बात है। हम एक प्रोग्राम में गए थे। वहां पर हमको एक लड़की मिली। उसने जो सुनाया वह मैं आपको बताती हूं। हम जिनके यहां गए थे यह बहुत बड़े मार्बल के व्यापारी थे । उनकी बहुत सारी मार्बल माइंस पहाड़ खोदकर के मार्बल निकाले गए थे। उस लड़की ने बताया की सरकार ने यह पहाड़ मेरे पिताजी को एलॉट किया था उसके बाद हमने उस पहाड़ में काफी खुदाई करी ।बहुत नीचे तक खुदाई करी मगर हमको यह पहाड़ में छिपा हुआ खजाना नहीं मिला। हमारी सारी जमा पूंजी इस खजाने को ढूंढने में निकल गई । यहां तक की उस लड़की की शादी के लिए जो पैसा और गहना रखा था, वह भी सब उस पहाड़ में होम हो गया। आखिर में थक हार कर उन लोगों ने उस समय पहाड़ की संपत्ति को जैसे था, वैसे ही स्थिति में ओने पौने दाम पर बेच दिया। और जिन लोगों ने खरीदा उन लोगों ने खाली 1 फीट और खोदा ,और उनको बहुत ही बढ़िया किस्म का दो तरह का मार्बल प्राप्त हुआ। और वे लोग मालामाल हो गए। इस तरह से उन लोगों के हाथ से मार्बल का खजाना चला गया मौजूदा मालिक के पास।
मौजूदा मालिक के पास आज करोड़ों की संपत्ति है ।
और अभी भी वहां बहुत अच्छा मार्बल निकलता है । मेरे घर में उन्हीं के वहां का मार्बल लगा हुआ है। कहते हैं ना खजाना भी वरदान है जो जिसका होता है ,उसी को मिलता है। हर किसी को नहीं मिलता है उसका यह एक बड़ा उदाहरण है।