Shiva ji Soni

Tragedy Action Crime

4.0  

Shiva ji Soni

Tragedy Action Crime

The discovery of Dr. Sudha's K

The discovery of Dr. Sudha's K

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यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, इस कहानी में लिए गए सारे पात्र जगह नाम सब काल्पनिक है, इस कहानी का उद्देश्य किसी भी धर्म किसी भी भाषा या देश को ठेस पहुंचाना नहीं है, 

story

दिल्ली में मलका गंज की सुनसान सड़क पर एक लड़की अपनी स्कूटी पूरी गति से भगाए जा रही थी, और कुछ गुंडे स्कॉर्पियो से लड़की का पीछा कर रहे थे, रात के 3:00 बजे का समय हो रहा था, और स्कॉर्पियो में बैठे गुंडे लड़की को गाली दे रहे थे और रुकने के लिए बोल रहे थे, पर लड़की बिना किसी के बातों पर ध्यान दिए अपनी जान बचाने के लिए स्कूटी पूरी गति से भगाए जा रही थी।

लेकिन जब किसी की किस्मत खराब होती है तो उसे कोई नहीं बचा सकता।

लड़की हंसराज कॉलेज के सामने बने गोल चक्कर से टकरा जाती है और वहीं पर गिर जाती है, लड़की के सर से खून निकलने लगता है और मदद के लिए चिल्लाती है, लेकिन लड़की की मदद के लिए वहां पर कोई नहीं आता है, और गुंडे अपने स्कॉर्पियो गाड़ी लड़की के ऊपर चढ़ा देते हैं, इसके बाद स्कॉर्पियो से एक गुंडा उतरकर लड़की को 5_6 गोली मारता है, लड़की ऑन द स्पॉट मर जाती है, और गुंडे वहां से भाग जाते हैं।

गोली की आवाज सुनकर पास के पटरी पर लेटे हुए रिक्शे वाले मजदूर जग जाते हैं, और पुलिस को फोन कर देते हैं।

कुछ ही समय में वहां पर पुलिस की पूरी टीम एंबुलेंस और मीडिया भी आ जाती है।

लड़की की मर्डर की बात चारों तरफ आग की तरह फैल जाती है, वहां के आसपास कॉलेज के स्टूडेंट्स वहां के रहने वाले नागरिक सभी इकट्ठा हो जाते हैं।

अपने भारत में सबसे बड़ी बात यह है कि हादसे के वक्त मदद करने के लिए कोई नहीं होता, और तमाशा देखने के लिए हजारों की भीड़ जुड़ जाती है।

पुलिस की टीम भीड़ को कंट्रोल करती हैं, और लड़की की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज देती है।

                  (रूप नगर पुलिस स्टेशन)

S.H.O धनराज वशिष्ठ-अनुराग (inspector and case incharge) उस लड़की के बारे में कुछ पता चला।

अनुराग श्रीवास्तव- यस सर लड़की का नाम सुधा सक्सेना है, और सुधा हिंदू राव हॉस्पिटल में डॉक्टर थी सुधा का घर विजय नगर में है, मैंने सुधा के पेरेंट्स को information दे दी है।

धनराज- ठीक है अनुराग लेकिन यह हादसा कॉलेज के पास हुआ है, और मीडिया को भी पता चल गया है, इसलिए केस जितनी जल्दी हो सके इतनी जल्दी सॉल्व करो, क्योंकि अब प्रेशर ऊपर से भी आएंगे, सुधा एक गवर्नमेंट एंप्लॉय थी।

अनुराग- जी सर मैंने पाटिल को दुर्घटना क्षेत्र में भेज दिया है, जो कि आसपास के सीसीटीवी फोटो चेक करें, जिससे हमें गाड़ी और कातिलों का पता चल सके, और नवाज को हॉस्पिटल लड़की के पेरेंट्स के पास इंक्वायरी के लिए भेज दिया है।

       

                           (हॉस्पिटल)

हॉस्पिटल में सुधा की मां सुनीता और पिता अमित सक्सेना रो-रो कर बेजान हो चुके थे, जिनको सुधा की छोटी बहन निकिता संभाल रही थी।

(सुधा के परिवार में सुधा की मम्मी पापा एक छोटी बहन और एक छोटा भाई था, सुधा अपने परिवार में सबसे बड़ी थी और पूरी घर की जिम्मेदारियां ख़ुद संभालती थी सुधा के अचानक मौत से पूरा परिवार सदमे में था,)

  

      (1 day later, inspector anurag cabin)

कॉन्स्टेबल नवाज- सर, सुधा के पिता अमित सक्सेना जी आए हुए हैं।

अनुराग- ठीक है, उनको अंदर भेज दो और हॉस्पिटल जाकर पता करो की सुधा की किसी के साथ लड़ाई, या कोई सुधा को परेशान कर रहा हो, और हां हॉस्पिटल के सभी स्टाफ से अच्छी तरह से पूछताछ करना जिससे हमें कातिलों का पता चल सके, तब तक मैं अमित जी से पता करता हूं शायद वह हमारी कुछ मदद कर सकें, और इंस्पेक्टर पाटिल से फोन करके पता करो, कि उनको सीसीटीवी से कुछ पता चला या नहीं।

नवाज- यस सर

                (इंस्पेक्टर अनुराग और अमित सक्सेना)

अनुराग- आइए अमित जी बैठिए, मुझे आपको इस वक्त बुलाना पड़ा इसके लिए माफी चाहता हूं, मुझे पता है इस वक्त उस पिता पर क्या गुजर रही होगी जिसने अपनी बड़ी बेटी खोई है, लेकिन सर हम उन अपराधियों को भी नहीं छोड़ सकते जिन्होंने एक हंसते खेलते परिवार की जिंदगी तबाह कर दी हो, अगर उनको सजा नहीं मिली तो, तो और आगे जाकर पता नहीं कितनी सुधा जैसी लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करेंगे, सर आप हमें सुधा के बारे में छोटी सी लिखी छोटी बात तक सब बताइए। की सुधा की किसी के साथ दुश्मनी या कुछ दिनों में किसी से लड़ाई या सुधा का कोई बॉयफ्रेंड????

अमित सक्सेना-सर सुधा मेरी बड़ी बेटी है, सुधा को शुरू से लोगों की मदद करना बहुत अच्छा लगता था, अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा अनाथ आश्रम के बच्चों के उपर खर्च करती थी, सुधा की कभी किसी से लड़ाई नहीं हुई, और सुधा का कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था, लेकिन हां सुधा कुछ दिनों से परेशान सी रहती थी, सुधा ने हमारे पूछने पर भी कुछ नहीं बताया सिर्फ इतना कहती थी काम का स्ट्रेस है। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं पता लेकिन हां रागनी जो सुधा की बचपन की दोस्त है वह कुछ बता सकती हो, शायद उसे कुछ पता हो, क्योंकि सुधा अपना खाली समय, रागिनी के साथ ही बीताती

थी।

अनुराग-ठीक है सर फिर भी एक बार सुधा के सारे सामान को चेक करना जिससे हमें कुछ मदद मिल सके।

अमित जी-ठीक है सर अब मुझे इजाजत दीजिए क्योंकि सुधा की मौत के बाद सुधा की मां सदमे में चली गई हैं ना ही कुछ खाया है ना कुछ बोल रही हैं, बस एकदम खामोश हो गई है

अनुराग-ठीक है सर आप जाइए मैं आपसे वादा करता हूं कि बहुत जल्द सुधा के कातिल हवालात में होंगे।

......

नवाज-सर आपके कहे मुताबिक मैं रागिनी और सुधा के साथ जो नर्स रहती थी, उनको लेकर आया हूं।

अनुराग-ठीक है उन्हें अंदर लेकर आओ और हमें अकेला छोड़ दो।

               (रागनी नर्स और इंस्पेक्टर अनुराग)

अनुराग-हम तुम लोग आराम से बैठो, और मेरी बात ध्यान से सुनो, तुम लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, और तुम ही दोनों हमारी मदद कर सकती हो, कुछ दिनों में सुधा किसी से मिलती थी या कोई अजीब बात जो तुम लोगों ने महसूस किया हो।

रागिनी-हां सर 1 महीने से सुधा काफी परेशान थी, क्योंकि सुधा ने मुझे बताया था, कि उसने एक पेशेंट का इलाज किया था, जिसका नाम निशा था , निशा को किसी ने चाकू मारकर हत्या करने की कोशिश की थी, लेकिन निशा बच नहीं पाई, निशा मरने से पहले सुधा को एक मेमोरी कार्ड दिया था, जिसमें कुछ सबूत थे, क्योंकि निशा मीडिया से थी, सुधा बता रही थी कि निशा के मरने के बाद कुछ लोग उससे मिलने आए थे, और निशा ने कोई सबूत दिया, या उससे कुछ बताया है, सुधा से पूछ रहे थे, लेकिन सुधा ने उन्हें कुछ नहीं बताया, और अपनी ड्यूटी के बाद पुलिस स्टेशन उनकी कंप्लेंट और मेमोरी देने के लिए चली गई, लेकिन शायद उन लोगों को सुधा पर शक था इसलिए वह भी सुधा का पीछा कर रहे थे, उन्होंने सुधा को रास्ते में रोक लिया और उससे वो सबूत मांगे जो निशा ने सुधा को दिया था, सुधा बहुत डर गई थी उसने वह मेमोरी कार्ड उन लोगों को दे दिया, और अपने घर आ गई, सुधा बहुत डरी और घबराई हुई थी, सुधा ने मुझे फोन करके अपने घर पर बुलाया, और सारी बातें बताई वह लोग सुधा को बाद में भी डराया और धमकाया करते थे,

बस मुझे इतना ही पता है।

नर्स-सर यह सुधा मैम का लैपटॉप है, जो कि हॉस्पिटल में था और निशा जिस दिन एडमिट हुई थी मैं भी सुधा मैम के साथ थी, मैंम ने मेमोरी कार्ड को लैपटॉप में लगा कर चेक किया था, और तुरंत हॉस्पिटल से चली गई थी, उसके बाद सुधा मैम से निशा के बारे में मेरी कोई बात नहीं हुई।

अनुराग-तुम लोग जा सकते हो और अपना ध्यान रखना और किसी से यह मत कहना कि तुम लोग पुलिस स्टेशन गए थे।

                 (अनुराग पाटिल और नवाज)

अनुराग- पाटिल तुम्हें गाड़ी के बारे में कुछ पता चला।

पाटिल-सर यह गाड़ी विधायक अरुण सिंह की है, और उनकी ये गाड़ी 6 महीने पहले गायब हो गई थी, उन्होंने कंप्लेंट लिखवा रखी है।

अनुराग सुधा का लैपटॉप चेक करता है, काफी ढूंढने के बाद अनुराग को एक क्लिप मिलती है, जिसमें कुछ लड़के एक लड़की के साथ जबरदस्ती कर रहे थे, तभी उनमें से एक लड़का कैमरे की तरफ उंगली करके कहते हैं वहां कोई है जो शायद हमारी वीडियो बना रहा है।

और फिर वीडियो क्लिप खत्म हो जाती है।

अनुराग-नवाज इन वीडियो में जो भी लड़के हैं शाम तक मुझे मेरे सामने चाहिए।

नवाज-यस सर

नवाज और पाटिल लड़कों को ढूंढने निकल जाते हैं।

     

         (रात के 9:00 बजे रूप नगर पुलिस स्टेशन)

पाटिल-सर उनमें से दो लड़के मिल गए हैं और तीन का पता नहीं चल पा रहे हैं और ना ही यह बता रहे है।

अनुराग-ठीक है तुम उन्हें इंक्वायरी रूम में बिठा दो।

इंस्पेक्टर अनुराग उन लड़कों को बहुत मारता है और वह सब सारी सच्चाई बता देते हैं

लड़का- सर यह सारा काम हमने निखिल के कहने पर किया है जो कि विधायक जी का लड़का है, निखिल की गर्लफ्रेंड अनीता निखिल से ब्रेकअप कर के किसी और के साथ रिलेशनशिप में थी निखिल को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई, निखिल ने अनीता को किडनैप करवा लिया।

और कमला मार्केट के गोदाम में ले गया, हम सब ने उसके साथ जबरदस्ती की, और उसका मर्डर भी कर दिया, उसी टाइम निशा नाम की लड़की पता नहीं कहां से आ गई जो हमारा वीडियो बना रही थी, हम लोगों ने उसका पीछा किया पर उसने कैमरा वहीं छोड़ दिया और कैमरे की मेमोरी लेकर भागने लगी शंकर ने उसके पेट में दो तीन बार चाकू से हमला किया लेकिन वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी इसलिए हमें उसे छोड़कर वहां से भागना पड़ा।

उस लड़की को इलाज के लिए डॉ सुधा के पास ले जाया गया, हमें पता था कि वह लड़की डॉक्टर को कुछ ना कुछ जरूर बताएगी, और हमारा शक सही निकला, उसने डॉ सुधा को मेमोरी दे दी, जब हमने डॉ सुधा से पूछा तो उन्होंने हमें मना कर दिया, लेकिन उनके चेहरे पर घबराहट साफ दिख रही थी, फिर हम लोगों ने रात को डॉ सुधा का पीछा किया और पुलिस स्टेशन पहुंचने से पहले मेमोरी कार्ड छीन लिया और उसे बहुत डराया धमकाया अगर उसने हमारी बात किसी से भी बताई तो उसके पूरे परिवार को खत्म कर देंगे।

यह बात यहीं पर खत्म हो जाती पर निखिल डर गया था। उसने कहा मौका पाकर डॉ सुधा को खत्म कर दो, 15 20 दिनों से डॉ सुधा का पीछा कर रहे थे लेकिन डॉ सुधा दिन में ड्यूटी कर रही थी जिससे हमें मौका नहीं मिल पा रहा था। लेकिन फिर उन्होंने नाइट शिफ्ट चालू कर दी और मौका पाकर हमने उन्हें मार दिया।

अनुराग--पाटील और नवाज 12 घंटे के अंदर मुझे सारे आरोपी जेल में चाहिए, और तुम लोग बहुत गुनाह किए हो अब तुम्हें अफसोस होगा कि आखिर मैं पैदा क्यों हुआ, अब ना ही तुम्हें मैं मरने दूंगा, और ना ही जीने।

पाटिल कोर्ट से इनके 20 दिन के रिमांड की इजाजत लो

    


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