"उच्च कुल"
"उच्च कुल"
"अनाथालय का बच्चा घर में नहीं आएगा, हम ठहरे उच्च कुल के राजपूत! न जाने किसका खून हो, अनाथ बच्चे अनाथालय में ही अच्छे लगते हैं। कुल का दीपक राजपूत होना चाहिए।" ठकुराइन ने ऐलान कर दिया
"माँ, खून का रंग लाल होता है, मैं उच्च कुल-नीची जात को नहीं मानता।" सूर्यप्रताप बोले
"सुमन बींदड़ी को कोने में जगह दे देंगे, लड़कियों की लाइन लगा दूंगी, बस तुम शादी के लिए हां बोल दो, बच्चा देर सबेर हो जाएगा।"
"माँ, कमी सुमन में नहीं मुझमें है।" सूर्यप्रताप ने ऐसा कहकर मानो बम फोड़ दिया।
फिर क्या था, कुछ दिनों में ठकुराइन के आंगन में अनाथालय से बच्चा आ गया, अब उच्च कुल की बाधा हट गई थी।