मुझ जैसा सन्यासी सन्यासी होकर भी "कामान्ध" की तरह व्यवहार कर रहा है । मुझ जैसा सन्यासी सन्यासी होकर भी "कामान्ध" की तरह व्यवहार कर रहा है ।
" तुझे ऐसा नही लगता है,के तू पुरा भाभी का गुलाम हो गया है?" " तुझे ऐसा नही लगता है,के तू पुरा भाभी का गुलाम हो गया है?"
एक गांव में एक गरीब बालक था जो अनाथ था। एक गांव में एक गरीब बालक था जो अनाथ था।
एक दिन वह तीनों बाजार गयीं। सामान खरीदने समय माँ की बचपन की सहेली मिल गयी। एक दिन वह तीनों बाजार गयीं। सामान खरीदने समय माँ की बचपन की सहेली मिल गयी।
यह देख सेठ ने पूछा – “ ककड़ी तो बहुत कड़वी थी । भला तुम ऐसे कैसे खा गये ?” यह देख सेठ ने पूछा – “ ककड़ी तो बहुत कड़वी थी । भला तुम ऐसे कैसे खा गये ?”
"मैं तो अपनी नियति खुद हूं मेरे भी तो मर्दों जैसे 2 हांथ ,2 पैर ,दिल दिमाग है तो कम कैसे?" "मैं तो अपनी नियति खुद हूं मेरे भी तो मर्दों जैसे 2 हांथ ,2 पैर ,दिल दिमाग है तो...
कुछ बदला नहीं था मगर मैं सीनियर सिटीजेन हो चुका था यानी मैं बूढा हो चुका था। कुछ बदला नहीं था मगर मैं सीनियर सिटीजेन हो चुका था यानी मैं बूढा हो चुका था।
"मैं जाऊंगा और जाकर रहूंगा " विवेक ने कहा गुस्से से। "मैं जाऊंगा और जाकर रहूंगा " विवेक ने कहा गुस्से से।
यह कहकर बुद्ध रस्सी के दोनों सिरों को एक दुसरे से दूर खींचने लगे। यह कहकर बुद्ध रस्सी के दोनों सिरों को एक दुसरे से दूर खींचने लगे।
पास जाकर देखते ही वह कांप गया । चेहरा था या प्रकाश पुंज ? पास जाकर देखते ही वह कांप गया । चेहरा था या प्रकाश पुंज ?
ताने किसी के सह नही पाती हूं बस,तुम्हें ही पास पाती हूँ। ताने किसी के सह नही पाती हूं बस,तुम्हें ही पास पाती हूँ।
वह लड़का आज बहुत खुश लग रहा था क्योंकि मयंक के कारण वो दीवाली मना पा रहा था। वह लड़का आज बहुत खुश लग रहा था क्योंकि मयंक के कारण वो दीवाली मना पा रहा था।
मैं उस व्यक्ति को मिठाई देने के लिए उसके घर गया था जिससे आज झगड़ा हुआ था।'' मैं उस व्यक्ति को मिठाई देने के लिए उसके घर गया था जिससे आज झगड़ा हुआ था।''
तब ही वो सुनेगी अपनी चेतना की पुकार जिसे मुक्ति की आकांक्षा है। तब ही वो सुनेगी अपनी चेतना की पुकार जिसे मुक्ति की आकांक्षा है।
आज नीलिमा अलग हो कर आत्मसम्मान और स्वाभिमान से परिपूर्ण जीवन जी रही है। आज नीलिमा अलग हो कर आत्मसम्मान और स्वाभिमान से परिपूर्ण जीवन जी रही है।
जो आंसू गिर रहे थे वो शायद उसके पिछली गलतियों के प्रायश्चित के आंसू थे। जो आंसू गिर रहे थे वो शायद उसके पिछली गलतियों के प्रायश्चित के आंसू थे।
राजा ने अपने भोजन से आधी रोटी और गुड़ उसको भी खिला दिया। राजा ने अपने भोजन से आधी रोटी और गुड़ उसको भी खिला दिया।
इस बात से शिखा को दुख पहुंचा कि मेरे कारण आज मां -बेटों में थोड़ी झड़प हो गई। इस बात से शिखा को दुख पहुंचा कि मेरे कारण आज मां -बेटों में थोड़ी झड़प हो गई।
"नहीं भैया, मुझे इस बार राखी में आपसे गिफ्ट नहीं चाहिए।" "नहीं भैया, मुझे इस बार राखी में आपसे गिफ्ट नहीं चाहिए।"
प्लीज इस बार आप मम्मीजी और हमारे देवर जी को लेकर यहाँ आ जाइए। प्लीज इस बार आप मम्मीजी और हमारे देवर जी को लेकर यहाँ आ जाइए।