यथा राजा तथा प्रजा
यथा राजा तथा प्रजा
आज कल राजा महाराजा तो है नहीं और जो मशहूर हस्तियाँ हैं, उनका रुतबा किसी राजा महाराजा से कम नहीं होता। आश्चर्य केवल कहानियों में ही नहीं होते असली जीवन में भी होते हैं और कइयों के जीवन पर प्रभाव डालते हैं।
अभी एक क़िस्सा पढ़ा था कि एक मशहूर खिलाड़ी कहीं भाषण देने गए। वे बहुत अनुशासनप्रिय थे और अपनी फ़िटनेस के लिए जाने जाते थे।
स्वागत समिति ने उनके स्वागत में उनकी टेबल पर कोल्ड ड्रिंक की दो बोतलें रख दीं क्योंकि गर्मियों के दिन थे। जब वे आकर बैठे तो अपने सामने कोल्ड ड्रिंक की दो बोतलें रखी देखकर उखड़ गये। उन्होंने सामने से दोनों बोतलें हटा दीं और बोले कि हमें कोल्ड ड्रिंक नहीं बल्कि पानी पीने की आदत डालनी चाहिए। साथ ही कहा कि उनका बेटा भी जब चिप्स के साथ कोल्ड ड्रिंक लेता है, तो उनको यह देखकर परेशानी होती है।
उनका इस तरह ज़रा सा बोलना और बोतल का इस तरह हटाना गज़ब ढा गया। बोतल तो कुछ ही रुपयों की रही होगी, पर उनके इस क़दम से कंपनी को हज़ारों करोड़ रुपयों का नुक़सान हो गया, क्योंकि जब शेयर बाज़ार खुले, कंपनी के शेयर का मूल्य गिरकर एक दम नीचे आ गया और कंपनी को भारी नुक़सान झेलना पड़ा। उधर बाज़ार में उसकी बिक्री पर भी असर पड़ा।
उस खिलाड़ी को इसका अंदाज़ा भी नहीं रहा होगा कि उसका इतना सा कहना इतना बड़ा असर डालेगा। उसने तो अपनी समझ से प्रेरक उपदेश दिया था।
कहा भी गया है कि "महाजनो येन गत: स पन्था:"।जिधर बड़े लोग जाते हैं उधर बाक़ी साधारण लोग भी जाते हैं। महान पुरुषों के क्षण भर के सत्संग का इतना बड़ा असर पड़ता है, और भारी उलटफेर हो जाता है।