चक्रव्यूह में फ़ांस कर पंगु बनाए...लेकिन क्या इक्कीसवीं सदी में भी ऐसा हो पायेगा...? चक्रव्यूह में फ़ांस कर पंगु बनाए...लेकिन क्या इक्कीसवीं सदी में भी ऐसा हो पायेगा...
वह सम्पूर्ण सृष्टि अथवा जीवन ड्रामा को समग्रता में देखता है। वह सम्पूर्ण सृष्टि अथवा जीवन ड्रामा को समग्रता में देखता है।
चाचा हैं इसलिए ही वह तुम्हारा शोषण कर रहें हैं चाचा हैं इसलिए ही वह तुम्हारा शोषण कर रहें हैं
औरत को कम आंकने का और अगर सक्षम हैं तो, उसके चरित्र पर प्रश्नों की बौछर का मेकअप औरत को कम आंकने का और अगर सक्षम हैं तो, उसके चरित्र पर प्रश्नों की बौछर का मेकअप
चैन से जो सो न सके तू फिर भी अगर, ले तुझे मैं इन आँखों की नींद देता हूँ ।। चैन से जो सो न सके तू फिर भी अगर, ले तुझे मैं इन आँखों की नींद देता हूँ ।।
चैन, सुकून और खुशी, इन सब से उसका चेहरा दमकने लगा। चैन, सुकून और खुशी, इन सब से उसका चेहरा दमकने लगा।