लेकिन मैं… मैं तो हरगिज़ ऐसा नहीं चाहती थी… मैं तो बस उसे इसी तरह घंटों तक आसमान में उड़ते हुए देखना च... लेकिन मैं… मैं तो हरगिज़ ऐसा नहीं चाहती थी… मैं तो बस उसे इसी तरह घंटों तक आसमान ...
शायद ये हमारे फैसले पर हमारे माता पिता का आशीर्वाद था शायद ये हमारे फैसले पर हमारे माता पिता का आशीर्वाद था
हाँ , बेटा! क्यूं नहीं उडेगा? हाँ , बेटा! क्यूं नहीं उडेगा?
जब वो छोटी थी तभी से दादी ने सुबह उठकर भगवान के हाथ जोड़ने की उसकी आदत डाली थी। जब वो छोटी थी तभी से दादी ने सुबह उठकर भगवान के हाथ जोड़ने की उसकी आदत डाली थी।
ठीक है समझ गया। मैं-ओके। ठीक है समझ गया। मैं-ओके।
आहना ने अपने नाज़ुक हाथों में धारदार डोर पकड़ ली और शुरू हो गयी पेंच लड़ाने आहना ने अपने नाज़ुक हाथों में धारदार डोर पकड़ ली और शुरू हो गयी पेंच लड़ाने