लेकिन किसी की जान बचा लेने की तस्सल्ली भी थी। लेकिन किसी की जान बचा लेने की तस्सल्ली भी थी।
आज दस बजे नारी उत्थान की रैली में मेरा बहुत ही महत्वपूर्ण भाषण है। आज दस बजे नारी उत्थान की रैली में मेरा बहुत ही महत्वपूर्ण भाषण है।
जो भी मोटा झोटा खात रहे निखालिस शुद्ध रहा। जो भी मोटा झोटा खात रहे निखालिस शुद्ध रहा।
लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
इस युग में कुछ भी समझ में नहीं आता कि किस पर भरोसा किया जाए। इस युग में कुछ भी समझ में नहीं आता कि किस पर भरोसा किया जाए।
जिसका फल हम भुगत रहे हैं। शायद ये पूजा हमारी गलती को सुधार दे। जिसका फल हम भुगत रहे हैं। शायद ये पूजा हमारी गलती को सुधार दे।