उस पर यकीन करने के अलावा चंद्रिका के पास कोई और चारा नहीं था। उस पर यकीन करने के अलावा चंद्रिका के पास कोई और चारा नहीं था।
आपसे कितनी बार बोली, दिखावे पर मत जाइए। जीवन में संतुलन जरूरी है, जितना चादर हो, उतना ही पैर पसारिये... आपसे कितनी बार बोली, दिखावे पर मत जाइए। जीवन में संतुलन जरूरी है, जितना चादर हो,...
"बस बहू, तू मेरे लिए ऐसा सोचती है ? मैं तो सुहागन ही जाऊंगी। तू अपना सोच।" "बस बहू, तू मेरे लिए ऐसा सोचती है ? मैं तो सुहागन ही जाऊंगी। तू अपना सोच।"
जरूरी नहीं अपना ही हो खून आप किसी को भी दे कर जान बचा सकते हो। जरूरी नहीं अपना ही हो खून आप किसी को भी दे कर जान बचा सकते हो।
ये सुनकर हमारा रोमांस हमारे त्रिपुंड की तरह दब गया औऱ हम चादर ओढ़कर सो गए। ये सुनकर हमारा रोमांस हमारे त्रिपुंड की तरह दब गया औऱ हम चादर ओढ़कर सो गए।
लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास