पंकज और उसका बेटा दीप दादा से रुपए लेकर मोज शोख करते। पंकज और उसका बेटा दीप दादा से रुपए लेकर मोज शोख करते।
जो बुरा कहें न बुरा सुने कोई शख़्स उन से ख़फ़ा न हो। जो बुरा कहें न बुरा सुने कोई शख़्स उन से ख़फ़ा न हो।
ऐसे कब तक मां बाबूजी को धोखे में रखेंगे कि ये निरंजन भइया नहीं है ऐसे कब तक मां बाबूजी को धोखे में रखेंगे कि ये निरंजन भइया नहीं है
स्वयं मरे वगैर कभी स्वर्ग नहीं जा सकते हैं!! स्वयं मरे वगैर कभी स्वर्ग नहीं जा सकते हैं!!