सुहाना की याचना भरी प्रश्न करती निगाहों के उत्तर में मालिक ने कहा, “यही तुम्हारा पुरस्कार है !” सुहाना की याचना भरी प्रश्न करती निगाहों के उत्तर में मालिक ने कहा, “यही तुम्हारा...
तब तक अड़ोसी-पड़ोसी सभी इकट्ठा हो चुके थे तब तक अड़ोसी-पड़ोसी सभी इकट्ठा हो चुके थे
शारदा जी शांति से दरवाजे से सटकर चुपचाप उनको जाते हुए देखती रहीं शारदा जी शांति से दरवाजे से सटकर चुपचाप उनको जाते हुए देखती रहीं
झाँसीरानी पुरस्कार झाँसीरानी पुरस्कार
बेवकूफी न कर समीरा! छोड़ आ जहाँ से लाई है इन सम्मानित समाज की औलादों को बेवकूफी न कर समीरा! छोड़ आ जहाँ से लाई है इन सम्मानित समाज की औलादों को
सबके हाथों के छलकते हुए जाम इस सच्चाई की ठंड में जम चुके थे। सबके हाथों के छलकते हुए जाम इस सच्चाई की ठंड में जम चुके थे।