इसी तरह रोज की नोकझोंक चलती रहती है। इसी तरह रोज की नोकझोंक चलती रहती है।
पश्चाताप के आसूँ बहाते सोचते काश वे रिया कि बात मान उसकी शादी तन्मय से किये होते। पश्चाताप के आसूँ बहाते सोचते काश वे रिया कि बात मान उसकी शादी तन्मय से किये होते...
और एक दिन अचानक ही सब ने उसे अपने कमरे में मरा हुआ पाया। और एक दिन अचानक ही सब ने उसे अपने कमरे में मरा हुआ पाया।
काफ़ी सालों से मैंने उन्हें बुलाया नहीं, शायद कभी बुलाऊँगी भी नहीं। काफ़ी सालों से मैंने उन्हें बुलाया नहीं, शायद कभी बुलाऊँगी भी नहीं।
अपनी घबराहट का कारण मालूम कर विवेक बुद्धि से उसे दूर करने का प्रयास चालू करूं। अपनी घबराहट का कारण मालूम कर विवेक बुद्धि से उसे दूर करने का प्रयास चालू करूं।
अब क्या बताऊँ तुझे? मुझे ऐसा लगता है कि मुझे सत्यकाम से प्रेम हो गया है! अब क्या बताऊँ तुझे? मुझे ऐसा लगता है कि मुझे सत्यकाम से प्रेम हो गया है!