अपनी आँखों से देखो मन चाहता है हे पिता। अपनी आँखों से देखो मन चाहता है हे पिता।
"पर हम तो आपको सिर्फ किराया ही देते हैं खाने का तो कभी कुछ "पर हम तो आपको सिर्फ किराया ही देते हैं खाने का तो कभी कुछ
घर के बाहर आती चिड़ियो के चहचहाने की आवाज से मन के तार बजने लगे। घर के बाहर आती चिड़ियो के चहचहाने की आवाज से मन के तार बजने लगे।
शगुन ने अंगूठा ऊपर करके लड़की का समर्थन किया। अचानक लड़की के चेहरे पर मुस्कान फैल गई। शगुन भी कुल्ह... शगुन ने अंगूठा ऊपर करके लड़की का समर्थन किया। अचानक लड़की के चेहरे पर मुस्कान फै...
मेरी संतुष्टि की परिभाषा तो अलग है पाल जी,जो मुझे ग़रीब बच्चों को पढ़ा कर मिलती है...! मेरी संतुष्टि की परिभाषा तो अलग है पाल जी,जो मुझे ग़रीब बच्चों को पढ़ा कर मिलती ...
“तब, आप मेरे लेखन के बीच एक सेतु की तरह कार्य कर सकते थे.और अब...?” “इस सम्बन्ध में मै आपके किसी ... “तब, आप मेरे लेखन के बीच एक सेतु की तरह कार्य कर सकते थे.और अब...?” “इस सम्बन...