अरेंज मैरिज थी अनु की सास ससुर के साथ मानस उससे देखने आया था, तब सब कुछ ठीक ही लगा था। अरेंज मैरिज थी अनु की सास ससुर के साथ मानस उससे देखने आया था, तब सब कुछ ठीक ही ल...
इतना बता कर अंकल अपनी आंखों की नमी पोंछने लगे। इतना बता कर अंकल अपनी आंखों की नमी पोंछने लगे।
स्वाभिमानी और खुद्दार जानकी तो अपने माँ बाप तक के टुकड़ों पर भी पलने को राज़ी नहीं थी स्वाभिमानी और खुद्दार जानकी तो अपने माँ बाप तक के टुकड़ों पर भी पलने को राज़ी नहीं...
दूसरी बात बहु बेटा चाह कर भी समय नहीं निकाल पा रहे हैं। दूसरी बात बहु बेटा चाह कर भी समय नहीं निकाल पा रहे हैं।
एक साधारण ब्राम्हण परिवार मे हुआ. पिता सरकारी नौकरी करते थे और माँ गृहिणी थी. एक साधारण ब्राम्हण परिवार मे हुआ. पिता सरकारी नौकरी करते थे और माँ गृहिणी थी.