प्यार की दुनिया
प्यार की दुनिया
तुम भी हाथ बढ़ाओ,
मैं भी हाथ बढ़ाऊँ,
मुझको बहुत पसंद हो तुम,
ये मन की बात बताऊँ।
सगाई की पहन अंगुठियाँ,
चलो कुछ वायदे कर जायें,
कल तक जो थे अजनबी,
मिल हम सफर बन जायें।
मैं और तुम हम दोनों मिलकर,
अपना इक नया संसार बनाएँगे,
छोटा-सा इक घर होगा,
जिस में परिवार बनाएँगे।
आशा और विश्वास से सराबोर,
हम प्रेम की भाषा बोलेंगे,
ख़ुशियों की चाबी से हम मिलकर,
हर मुश्किल का ताला खोलेंगे।
हाथ थाम इक दूजे का हम,
जीवन साथ बिताएंगे,
साथ जीने मरने का वादा हमदम,
हम जीवन भर निभाएंगे।
बहुत हो गई सपनों की बातें,
अब हकीक़त इसे बनाऊँगा,
लेने को तेरी डोली,
मैं घोड़ी चढ़ कर आऊँगा।