नव वर्ष का संदेश
नव वर्ष का संदेश
नव वर्ष का संदेश !
लेखक देता है कुछ इस प्रकार,
खुश रहो
तुम खूब मुस्कुराओ
लेखनी पर अपनी धार करके तुम
एक सबल (शब्दों से )सफल हथियार बनाओ,
प्रबल करो !
तुम संवेदना शक्ति,
अपनी सोचने की तुम उम्र बढ़ाओ।
सफल और सबल बनो तुम अपने सुद्रढ़ विचारों से,
ना कमजोर अपने आप को बनाओ।
नया वर्ष है,
नए विचार हैं।
नया विवेक और नए ही भाव हैं।
संस्कार नए हैं।
कर्तव्य नए कर,
तू कर,
जीवन में अपने
नए पथ का आगमन।
नए वर्ष में बोध करो तुम,
अपने उज्ज्वल भविष्य का।
नई राहे,
नया जीवन हो,
जीवन का हर पल नया हो,
भूल पुरानी यादों को तुम
नई-नई राहों का आह्वान करो।
छोड़ो पुरानी उन्हें जंग लगी।
खामोश बेरहम यादों को,
चल उठ आज हम नमन करें,
नए वर्ष के तारों को।
भोर नई,
नया उजाला
आवाज देता, है तुम्हें,
ना कोरोना का दंश हो इस वर्ष में,
ना मायूसी की ही कोई छाया हो।
लेखक देता है आदर्शवादी तुम्हें
कल से तुम्हारे जीवन के नए युग का,
शुभ शुभ आरंभ हो।