Writer, Poetry, Singer, Lyricist
आवाज उतनी सुंदर, जैसे वो गीतों की ऋतु है। आवाज उतनी सुंदर, जैसे वो गीतों की ऋतु है।
'कल्पोसे खड़ा चट्टानोंभरा हिमालय ही मेरा पिता है, जहा पैर सम्भलते मेरे वो भूमि वो धरती मेरी माता है।"... 'कल्पोसे खड़ा चट्टानोंभरा हिमालय ही मेरा पिता है, जहा पैर सम्भलते मेरे वो भूमि वो...
मैं हूँ हिंदुस्तान और ये है मेरी दास्तान...! मैं हूँ हिंदुस्तान और ये है मेरी दास्तान...!