आज प्यार डिलीट हो जाता है
आज प्यार डिलीट हो जाता है
वक़्त के साथ जज़्बात खो गए,
प्यार जातानेवाले वो लोग कहाँ गए !
आज ना जाने कैसे कहाँ खो गईं...
वो हथलिखी प्यारी प्यारी चिठ्ठियाँ ,
जिसमें एहसास लिखे हुए होते थे !
थोड़ी मुस्कान थोड़े तकरार छुपे होते थे !
कुशल क्षेम पूछकर ख़ुश हो जाते थे।
छोटों को बहुत प्यार और आशीर्वाद मिले ,
और बडों को सादर प्रणाम मिले लिखे होते होते थे !
“और खत में लिखी होती थी... सारी खबरें
खुशियाँ, गम, अपनापन और सफलता,
कौन आया घर में, और कौन कहाँ गया ,
किसको मिला कितना सारा पुरस्कार ,
असफलता, हौसला, प्यार और दुलार !
और नीचे विशेष करके लिखा होता था ,
कि... आने वाला है घर में एक नया मेहमान,
और लिखा होता था किसकी गई इस साल जान ;
पिता का बुढ़ापा और लाचारी का होता था जिक्र,
और माँ के स्वास्थ्य की बड़ी होती थी फ़िक्र ,
इस बार भेजना होगा ननकू को स्कूल में ,
और इसी साल करवानी होगी मुनिया की शादी .
कितना कुछ तो लिखा जाता था...
उस नीले अंरदेशिय में तो कभी पोस्टकार्ड में,
तो कभी रंगीन या सफ़ेद लिफाफों में.
अब तो मैसेज और इमोजी में बात होती है ,
तो कभी मोबाइल पर तकरार हो जाती है.
उसी में झलकता चलकता है प्यार,
उसी में हो जाती है सारी सारी बात!
और अगर झगड़ा नाराजगी कुछ ज़्यादा बढ़ जाए तो,
सारा रिश्ता तुरंत खत्म हो जाता है.
वर्षों का रिश्ता और प्यार एक क्षण में
एक मैसेज में डिलीट हो जाता है!