आओ इस फरवरी को यादगार बनाते हैं
आओ इस फरवरी को यादगार बनाते हैं
आओ इस फरवरी को यादगार बनाते हैं.
प्यार का एक अलग ही किस्सा तुम्हें बताते हैंं.
सरसों का खेत, गिटार वाला नायक और भागती नायिका तो फिल्मी कहानी है.
चलो हमारे साथ हकीकत वाले प्यार से तुम्हें रूबरू करवाते हैंं.
आज आवाम की सोच से कुुछ हटके कर दिखाते हैं.
जिन्हें हर शायरी, लेख, व्यंग मे बुरा बताया गया हैं, उन्हें उनका हक दिलाते हैंं.
वो जो अपना सबकुछ छोड़ कर आती हैं और बगैर कहे अनजानों को अपनाती है.
तुम सोच भी नहीं सकते वो तुम्हें कितना चाहती है.
जिसके लिए सब गलत और बस तू सही है.
सच बताओ क्या ये प्यार नहीं है.
जिसे तुम कहते हो, क्या दस बार फोन लगाती है.
उससे हरपल तुम्हारी तो चिंता सताती है.
पापा की परी मम्मी की गुड़िया,ससुराल के ताने सहती है.
लेकिन तुम्हें तकलीफ ना हो इसलिए, कुछ भी नहीं कहती है.
सबने लिखा उस प्यार के बारेमे जो सिर्फ़ तुम्हें चाहता है.
क्यूं ना लिख पाए उसके बारेमे जो तेरे लिए सबको अपनाता है.
कुछ शायरी, अल्फाज, कहानी उनपर भी बनाते हैं.
जो महफ़ूज़ रहे हें इस हक्क से उनपर भी प्यार जताते हैं.
प्यार का एक अलग ही किस्सा तुम्हें बताते हैंं
आओ इस फरवरी को यादगार बनाते हैं.!