बाग
बाग
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फूलों के बगीचे में
ये कैसा तूफान।
लगता ये है।
राजनीतिक की दुकान।।
अफवाहो में भी कोशिश कर लो
हौसलों में भी टकरा कर देख लो
बुलंद आगाज में आवाज है
हमारी।कभी ना होगी ख्वाहिश
तुम्हारी।।
जलते दियें में एक किरण तो
होगी।भारत माँ के बेटों में वों
आग तो होगी।