बच्चे उच्च कोटी के मनोवैज्ञान
बच्चे उच्च कोटी के मनोवैज्ञान
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बच्चे जन्म से ही, बड़े समझदार हैं होते।
उच्च कोटी के वे, मनोवैज्ञानिक हैं होते।
बड़े भी उन जैसी, कल्पना ना कर पाते।
बात मनवाने के उन्हें, सारे पैंतरे हैं आते।
जन्म के साथ ही कई, रिश्तों को बनाते।
निश्छल, शीतल, उषा किरण से लुभाते।
रो-रोकर अपनी, सकल बात हैं मनवाते।
विभिन्न महत्व के, रिश्ते वो जाने हैं प्यारे।
फिर भी हिफ़ाज़त, ज़रूरी होती है प्यारे।