बिना हिन्दी मुस्कानें अधूरी
बिना हिन्दी मुस्कानें अधूरी
हिन्दी भाषा बनेगी जन सेतु
भीगो भारतवासी।।
हिन्दी भाषा प्यारी बोली
राष्ट्र निर्माण अभिलाषी।
कवि संत संस्कार उपकारी
हिन्दी है पावन उजासी ॥
हिन्दी बहती सरिता धारा
जन कल्याणी सुभाषी।।
आज गुंज रहा जन उर नारा
अपनापन दे हिन्दी भाषा।
होगी भलाई ये भाव मेलासे
सम्मान हिन्दीका स्वयं उजाला।।
प्यारसे अपनाये अपनी प्यारी हिन्दी
दूर करेंगी सब मजबूरी।
बड़ा पटल पर आज राज है तेरा
बिना हिन्दी मुस्कानें अधूरी।