बरसात का मौसम
बरसात का मौसम
जोर-जोर से पवन चला है,
काला बादल नभ में सजा है,
नाच रहा धरती पे मोर,
रिमझिम बारिश मचा रही शोर।
आते ही बरसात के,
पेड़-पौधे झूम उठे हैं,
अपने स्वर में मेंढक भी,
भीग-भीग कर गाने लगे हैं।
सावन का पावन महीना,
प्रकृति को देती है गहना,
हरियाली से वसुधा सजकर,
सुख-चैन फैलाती है सर्वत्र।
बारिश की हर एक बूंदें,
जीव-जंतु को भाती है,
गर्मी लू से राहत पाकर,
आत्मा प्रसन्न हो जाती है।
भक्ति में डूबा भक्त भी,
चल पड़ा है कांवर लेकर,
बरसात के मौसम ने मानो,
कर दिया है सब पे असर।