चढ़ा अचानक एक दिन
चढ़ा अचानक एक दिन
चढ़ा अचानक एक दिन,
विदेशी 'फूड' खाने का बुखार।
आनन -फानन में दे डाला,
ऑर्डर के पैसे हज़ार।
कुछ मिनटों में 'डिलीवरी बॉय' ने,
दरवाजा खटखटाया।
डब्बा देख बच्चों संग,
अपना भी मन हरषाया।
झटपट एक कोना,
उठाकर मुंह में डाला।
बिगड़ा मुंह का स्वाद,
हुआ पेट में गड़बड़ झाला
चुपड़ी बातों का समझा
हमने जाकर तब व्यापार।
इतने में तो खा लेता,
जमकर पूरा परिवार।
प्याज़ भी खाओ, जूते भी
कैसा है व्यवहार?
बात पुरानी हो गई,
आ बैल मुझे मार।