चलचित्र बनाते जायेंगे
चलचित्र बनाते जायेंगे
कोई मतलब नहीँ हमें
दुनिया होने ना होने से ,
कोई मतलब नहीँ हमें
लोगों के रोने धोने से ,
कोई मतलब नहीँ हमें
लोगों के जाते प्राणों से ,
कोई मतलब नहीँ हमें
दुर्घटना के प्रमाणों से ,
कोई मतलब नहीं हमें
फिर भी मानव कहलाएंगे
मानवता को रोंदेंगे
चलचित्र बनाते जाएंगे।।
भरे हुए चौराहों पर हम
बंद आंख से देखेंगे,
कहीं घिनौना कृत्य हो फिर
भी मौन साध के देखेंगे ,
हम देखेंगे सांसे गिनते
सड़क पे मरते लोगों को ,
देखेंगे अबला नारी से
किए गए संभोगों को ,
दुर्घटनाएं देखेंगे अपनी
पशुता दिखलाएंगे
मानवता को रौंदेंगे
चलचित्र बनाते जाएंगे ।।
घर में मंगल कार्य करेंगे
दावत खूब खिलाएंगे ,
भूख नहीं है जिन लोगों को
उनकी भूख मिटायेंगे ,
धर्म स्थल पर जाएंगे हम
स्वर्णिम छत्र चढ़ायेंगे ,
मदिरा भवन में जा - जाकर
हम लाखों खर्च कराएंगे ,
एक नज़र हम नहीं डालते
भीख माँगती जानों पर ,
भूखी चीखें सुनने को हम
कष्ट ना देंगे कानों पर ,
खाने को कुछ ना देंगे पर
एक काम कर जाएंगे
मानवता को रोंदेंगे
चलचित्र बनाते जाएंगे।।
हम जाएंगे चार चक्र के
वाहन पर रफ्तार से ,
हमको नहीं नियंत्रित होना
कानूनों की मार से ,
हम मनमानी करें सड़क के
कानूनों को तोड़ेंगे ,
बीच में आये वर्दी वाले
उनके सिर को फोड़ेंगे ,
कृत्य कर रहे हम ऐसे कि
शिष्य भी ना बन पाएंगे ,
फिर भी आश यही है कि
हम " विश्व गुरु " कहलाएंगे ,
खींच तमंचा मासूमों पर
क़ायरता दिखलाएंगे
मानवता को रोंदेंगे
चलचित्र बनाते जाएंगे ।।