"है गर्व मुझे , मैं नारी हूँ "
"है गर्व मुझे , मैं नारी हूँ "
नहीं बांधा जा सकता जिसे शब्दों में,
मैं सरिता, मैं सावित्री हूँ, है गर्व मुझे मैं नारी हूँ।
मैं वसुंधरा, मैं वनिता, मैं विस्तृत,
मैं ही गगनगमिनी हूँ, है गर्व मुझे मैं नारी हूँ।
मैं मैया, मैं बिटिया, मैं सखी,
मैं ही घर की लक्ष्मी हूँ, है गर्व मुझे मैं नारी हूँ।
मैं दुर्गा, मैं अहिल्या, मैं चेन्नम्मा,,
मैं ही झाँसी वाली रानी हूँ, है गर्व मुझे मैं नारी हूँ।
मैं सुगंध, मैं तरंग,मैं घमंड,
मैं ही अपने पिता का मान हूँ, है गर्व मुझे मैं नारी हूँ।
मत रोको, मत टोको मुझको,
मैं नदी की अविरल धार हूँ, है गर्व मुझे मैं नारी हूँ।