Pratiksha Rani
Inspirational
जिंदगी...
जिंदगी जीते तू चल
चाहे हो कितनी भी खुशी
चाहे जितने हो गम
प्यार से ज्या...
नींद
तेरे संग
क्यों...?
गुलाब
हमराही
खत तेरे नाम क...
जिंदगी
भीतर सत्य शक्ति संचार होगा, एकदम अलहदा। भीतर सत्य शक्ति संचार होगा, एकदम अलहदा।
जंगल सा वातावरण हुआ, सबके मन में रावण है। आखिरी आस बस सबकी श्रीराम है।। जंगल सा वातावरण हुआ, सबके मन में रावण है। आखिरी आस बस सबकी श्रीराम है।।
प्रिय स्वच्छ दीपक जलेगा जिय रत्न सम चमक उठेगा। प्रिय स्वच्छ दीपक जलेगा जिय रत्न सम चमक उठेगा।
दुनिया दासी अर्थ की, आते हैं सब पास। इज्जत भी करते सभी, बने रहें हम खास।। दुनिया दासी अर्थ की, आते हैं सब पास। इज्जत भी करते सभी, बने रहें हम खास।।
धीरज रखना छोड़ मत, हरि तो हैं अतलांत।। धीरज रखना छोड़ मत, हरि तो हैं अतलांत।।
देश के वीरों को शत शत नमन हे पवित्र देश तू पतित पावन..! देश के वीरों को शत शत नमन हे पवित्र देश तू पतित पावन..!
धारा क्यों तलाश रही मैं ख़ुद मैं ही जब हूं धारा। धारा क्यों तलाश रही मैं ख़ुद मैं ही जब हूं धारा।
सबने उसको समझाया था माटी के सम्मान में लड़ना है। सबने उसको समझाया था माटी के सम्मान में लड़ना है।
तैरना डूबना सब मंजूर कर समंदर में बन गई अंगारा कश्ती। तैरना डूबना सब मंजूर कर समंदर में बन गई अंगारा कश्ती।
है ‘ उदार ‘ दौलत यही, जीवन की मानव की दोस्ती का रंग यहाँ, हर पल रुपहरा है।। है ‘ उदार ‘ दौलत यही, जीवन की मानव की दोस्ती का रंग यहाँ, हर पल रुपहरा है।।
रिश्तों का ये त्यौहार पर्यावरण शुद्धि के रूप मानिये। रिश्तों का ये त्यौहार पर्यावरण शुद्धि के रूप मानिये।
अगर अलग कथनी-करनी से, बाज़ न अब भी आएगा।। अगर अलग कथनी-करनी से, बाज़ न अब भी आएगा।।
तुम उदार’मन कर लो अपना अब मिठास मन में घोलो।। तुम उदार’मन कर लो अपना अब मिठास मन में घोलो।।
अपनी अपनी सोच है, रखूं नजरिया साफ। गुण को सदा कबूल कर, करता हूं इंसाफ।। अपनी अपनी सोच है, रखूं नजरिया साफ। गुण को सदा कबूल कर, करता हूं इंसाफ।।
अब कुछ मीठा भी हो जाए, चलें गणपति और लक्ष्मी की शरण।। अब कुछ मीठा भी हो जाए, चलें गणपति और लक्ष्मी की शरण।।
यारों तुम्हारे ही साथ तो हम खुलकर हंसते हैं और जी पाते हैं। यारों के बिना है जिंदगी यारों तुम्हारे ही साथ तो हम खुलकर हंसते हैं और जी पाते हैं। यारों के बिना...
तुम्हें अपनी ममता से इस दुनिया को संवारना होगा। तुम्हें अपनी ममता से इस दुनिया को संवारना होगा।
संभल जाओ! नहीं तो सब खत्म हो जाएगा। संभल जाओ! नहीं तो सब खत्म हो जाएगा।
रसों से यूंँ भरो मांँ कंठ कोविद। मधुर रसपान देना शारदे माँ।। रसों से यूंँ भरो मांँ कंठ कोविद। मधुर रसपान देना शारदे माँ।।
आज ही के दिन नेवी पाकिस्तान पर विजय हुई। आज ही के दिन नेवी पाकिस्तान पर विजय हुई।