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Sarita Singh

Inspirational

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Sarita Singh

Inspirational

जरा बच के चलो

जरा बच के चलो

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बड़ी कठिन है डगर पनघट की सुनो जरा बच के चलो।

पराए हो गए अपने ही देश में, कहीं बैठे लुटेरे है भेष में,

चोला पहचानो इनको नमन तब करो.... जरा बचके मिलो।


कोई कैसे बना है मुकद्दर का सानी देखो,

तुम भी करो कर्म अच्छे एक छोड़ो निशानी ...

सोचो समझो पहले तब राह को चुनो.. जरा बच के चलो


देखो दिन है कहीं है कि रात है ये कहीं मौसम हंसी,

कहीं बरसात ये है, पैर पड़ जाए कीचड़ कहीं न सुनो .. जरा बच के चलो.

देन कुदरत की काया यह महंगी बड़ी ...

कर्म से पहले फल की है जल्दी पड़ी..... जरा बच के चलो


रख संभालो यह सीरत की चुनरी प्यारी...

कहीं दाग न लगे कोरी रहे ये सारी ......जरा बच के चलो...

बिके जो बाजार सम्मान मिलता नहीं ..

जो गया एक बार मान मिलता नहीं...

मर्यादा पूंजी है इसको बचालो .....जरा बच के चलो....


माया ठगनी है पापन ... भुलाए मती...

लोभ में फस के मानव करे कुमति....

पांव रखो फूंक फूंक ...जरा बच के चलो....


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