कुछ लोग..!
कुछ लोग..!
कुछ लोग मिले थे राहो में,
डुबती नाव को सहारा दे गये...
अकेलेपन के पैमाने को,
अपनेपन का एहसास दे गये...
कुछ लोग मिले थे राहो में,
कड़वी दलदल में हाथ दे गये...
सुंदरता के पंकज को,
कीचड़ में खिलाना सिखा गये...
कुछ लोग मिले थे राहो में,
ऊंची मंजिलों का नजारा दिखा गये…
अधूरे से जीवन के रास्तों को,
उनकी यादों के सहारे पूरा कर गये …