लाल
लाल
आसमान में फैला यह सिंदूरी लाल रंग
सूचना देता धरा पर फैलेगा रोशनी और उमंग
लाल जोड़े में सज रहीं दुल्हन दूल्हे के संग
साथ बीते भविष्य की सारी खुशियां और रंज
नव वधु के भाल पर सुसज्जित लाल रंग
हृदय में व्यथा और प्रस्फुटित नव भावों की जंग
भाभी के टोकने से गोरी के गाल पर चढ़ा लाल रंग
होंठों में ही कैद हो गई भावनाओं की उमड़ती उमंग
छुट्टी खुशियों की लालिमा ले बीत गई
बिछुड़ ने के गम ने गोरी के कर दे आंख लाल
उधर सरहद पर लाल सेना है आई
सुन अन्य सैनिकों के हाल क्रोध में भर हुई आंख लाल
पिय से दूर मिलता ना कोई संदेश
सरहद पर जंग लाल रंग से रंगा देश
कोई नगर ना कोई डगर हर जगह हलचल
अंदर भी मिल जाता लाल रंग का वेश
पिय और उम्मीद में बीत गए नौ मास
लाल की लालिमा में इधर डूबे घर परिवार
सही तिथि पर पीड़ा ने पहुंचाई अस्पताल
एक लाल लड़ रहा सरहद के पास
हे लाल लंगूर, आज शरण तुम्हारी हम आए
भर लो विपदा हमारी
भारत के लाल और उसके लाल की
जान है तुम्हें बचानी
जय कपीश जय बजरंगबली
जय दीनानाथ जय भय हारी
एक चीख ने भर दी सबके चेहरों पर लाली
एक चीख ने लाल रंग से रंग दी धरती सारी
लाल जोश के आगे भाग खड़े लाल सेना बेचारे
लाल फूलों से सज गए घर के सारे दरवाजे
है गगन लाल है धरती लाल है हृदय भरे लाली
दो लाल मिले यहां, है प्रताप तुम्हारा हे लाल देह धारी।