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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract Drama Inspirational

"लोकतन्त्र बयार"

"लोकतन्त्र बयार"

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लोकतन्त्र की बह रही है, भारत मे बयार

वोट डालने का आया है, लोकतंत्र त्योंहार

थोड़े वक्त के लिए गर्मी भूल जाओ यार

वोट डालने के लिए भरो, सब लोग हुंकार


अपने वोट को बनाओ, अपनी तलवार

जो सही है, वो जिताओ, तुम उम्मीदवार

अगर वोट डालने नही गये, आप इस बार

पछताओगे, फिर ढोओगे 5 साल सरकार


जब तक नही चलाएं, सैनिक तलवार

फिर कैसे पाएगा, वो जीत का व्यवहार

ये वोट ही जनता, जनार्दन तेरी तलवार

इसे चलाओ, भारत लोकतंत्र रहा पुकार


जो वोट ना डालें, वो नहीं है, समझदार

उसको नहीं है, भारत की धरा से प्यार

लोकतंत्र की बह रही है, भारत में बयार

घर से निकलो, चुनो परिश्रमी सरकार


वोट डालकर बनो नागरिक, जिम्मेदार

वोट डालो फिर देखो लोकतंत्र चमत्कार

मतदान पूर्व उन पर भी करें सत्य विचार

जो देश स्वाधीनता अखंडता से करे, प्यार


उन नेताओं को वोट दे, आप इस बार

जो किसानों को माने, देश का कर्णधार

देश के किसानों का करना, चाहे, विकास

इस बार चुनो, किसान हितैषी सरकार


उनके लिए, जरूर प्रयोग करें, मताधिकार

जो देश में बढ़ाना चाहते हैं, स्व रोजगार

अबकी बार बनाओ, आप उनकी सरकार

जो करना चाहते हैं, इस भ्रष्टाचार पर वार


उन्हें इस बार आप अवश्य ही दे, नकार

जो बगुले जैसे जनता को करते हैं, प्यार

इसबार वोट डालने, जाये सब ही नर-नार

मताधिकार प्रयोग से, बनाये सुदृढ़ सरकार।


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